महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण, पुलिस विभाग की सराहनीय पहल

 


सीतापुर ज़िले के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में आज महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के उद्देश्य से आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण सीतापुर पुलिस विभाग और बाल संरक्षण इकाई के संयुक्त प्रयास से संचालित किया गया, जिसमें कक्षा 6 से 12 तक की लगभग 250 छात्राओं ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन पुलिस अधीक्षक (SP) श्रीमती अपर्णा गुप्ता ने किया। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा, “आधुनिक समय में लड़कियों को पढ़ाई के साथ-साथ आत्मरक्षा का ज्ञान होना बेहद ज़रूरी है, ताकि वे किसी भी आपात स्थिति में खुद को सुरक्षित रख सकें।”

प्रशिक्षण में सिखाई गईं ये तकनीकें

शिविर में छात्राओं को कराटे, किक-बॉक्सिंग, हाथ से बचाव, घेराबंदी से निकलने, और मनोबल बढ़ाने वाले व्यायाम सिखाए गए। यह प्रशिक्षण महिला कांस्टेबलों और प्रशिक्षित मार्शल आर्ट प्रशिक्षकों द्वारा दिया गया।
विशेष ध्यान इस बात पर दिया गया कि छात्राएँ सार्वजनिक स्थानों, बस स्टैंड, स्कूल के रास्ते आदि जगहों पर खुद को कैसे आत्मरक्षित करें।

छात्राओं में दिखा उत्साह और आत्मविश्वास

कक्षा 10 की छात्रा निशा रावत ने कहा, “हमें अब ऐसा महसूस हो रहा है कि अगर कोई भी हमारे साथ गलत व्यवहार करेगा, तो हम उसका मुकाबला कर सकते हैं।” वहीं कक्षा 12 की छात्रा आरती यादव ने कहा, “पहले डर लगता था, लेकिन अब डर को हराने की ताकत महसूस हो रही है।”

विद्यालय प्रशासन ने दी सराहना

विद्यालय की प्रधानाचार्या सुनीता त्रिपाठी ने पुलिस विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, “ऐसे प्रशिक्षण से न केवल छात्राओं में आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि उनके माता-पिता को भी संतुष्टि होती है कि उनकी बेटियाँ सुरक्षित हैं।” उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि यह प्रशिक्षण हर सत्र में नियमित रूप से आयोजित किया जाए।

पुलिस विभाग ने की महिला हेल्पलाइन की जानकारी साझा

शिविर के दौरान छात्राओं को महिला हेल्पलाइन नंबर 1090, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, और पुलिस कंट्रोल रूम 112 के बारे में भी बताया गया। साथ ही उन्हें बताया गया कि किसी भी आपात स्थिति में ये नंबर कितने उपयोगी हो सकते हैं।
इसके अतिरिक्त महिला बीट पुलिस, शक्ति मोबाइल टीम, और महिला थाने की भूमिका के बारे में भी जानकारी दी गई।

सामाजिक संस्थाओं का सहयोग

कार्यक्रम में स्थानीय NGO 'नारी शक्ति मंच' ने भी सहयोग किया, जिन्होंने छात्राओं को आत्मविश्वास, लिंग समानता और मानसिक सशक्तिकरण पर लघु भाषण और पंपलेट्स के माध्यम से जागरूक किया।

सीतापुर पुलिस की यह पहल एक सकारात्मक कदम है जो समाज में महिलाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है। ग्रामीण और शहरी छात्राओं को ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से न केवल आत्मविश्वास मिलता है, बल्कि वे समाज के सामने अपनी आवाज़ मज़बूती से रख पाने में सक्षम बनती हैं।

इस प्रयास से यह सिद्ध होता है कि पुलिस विभाग केवल कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और नागरिक सशक्तिकरण में भी अग्रणी भूमिका निभा सकता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post